बौ पाँच रोटी और दुई मच्छी कै लैकै, ऊपर स्वर्ग के घाँईं देखी और धन्यवाद करी, और रोटियन कै तोड़कै चेलन कै देत गौ, ताकी बे सब जनिन ताहीं परसा परसैं, और बे दुई मच्छी सबन कै बाँट दईं।
पर बौ अपने मन मैं आँह भरी और कही, “जौ समय के आदमी पता नाय काहेकै, कोई चिन्ह ढूँड़त फिरथै? ईसु उनसे कही मैं तुमसे सच्ची कहथौं हबै के आदमिन कै कोईये निसानी नाय दई जागी।”
तौ पतरस सबकै दुआरे कर दई, और घुपटियाय कै प्रार्थना करी और बौ सरीर के घाँईं मुड़कै देखकै कही, “ए तबीता, उठ!” तभई बौ अपनी आँखी खोल दई, और पतरस कै देखकै उठकै बैठ गई।
हमरो महान बड़ो पुजारी बौ ना है जो हमारी कमजोरी मैं सहानुभूति महसूस कर पाबै। इनकी जघा मैं हमरे झोने एक महान बड़ो पुजारी है, जोकी हर तरहन से परिक्छा भइ लेकिन बौ पाप नाय करी।