43 और फिर बाके चेला मच्छी और रोटी की बहारै छपरिया बची भईं उठाईं।
43 जब सब जनै खाए डारीं तओ चेला उबरो भओ खुदरा खुदरी रोटी और मछ्रीके इकट्ठा करके बे बाह्र डलैया बटोरीं।
और सब पेट भरकै खाईं बाके बाद बचे टुकड़न से बाके चेला बारह छपरिया भरीं।
सब जनी खूबै छक कै खाए लईं।