35 और भुकभुको होन से भौत अग्गु, ईसु उठकै निकरो, और बन मैं गौ और बौ प्रार्थना करन लग्गौ।
35 भोरभए येशू उठके बाहिर जंगली इलाकामे गओ, और बा परमेश्वरसे प्राथना करी।
जब ईसु जौ सुनी, तौ नईंयाँ मैं चढ़कै हूँना से अकेलो कोई सुनसान जघा के, एकांत मैं चले गौ; और लोग जौ सुनकै नगर-नगर से पैदल बाके पच्छू हुई लईं।
बौ लोगन कै पनारकै, प्रार्थना करन कै अलग पहाड़ मैं चढ़गौ; और संजा कै बौ हूँना अकेलो रहै।
तौ सिमौन और बाके संग बारे ईसु कै ढूँड़न गै।
लेकिन ईसु अकेली जघा मैं जाएकै प्रार्थना करे करतो।
बौ समय ईसु प्रार्थना करन के ताहीं एक पहाड़ी मैं चढ़गौ, और पूरी रात परमेस्वर से प्रार्थना मैं बिताई।
ईसु उनसे कही, “मेरो खानु जौ है, कि अपने भेजन बारे के मन से चलौं और बाको काम पूरो करौं।
ईसु जौ जानगौ कि बे बाकै पकड़कै राजा बनानो चाहथैं, फिर ईसु पहाड़ मैं अकेलो चले गौ।
और हर समय और सब तरहन से आत्मा मैं प्रार्थना, और बिनती करत रहबौ, और जगत रैहबौ, कि सब पवित्र लोगन के ताहीं लगातार बिनती करे करौ।
जैसो ईसु मसीह को स्वभाव रहै बैसिये तुमरो भी स्वभाव और सोच होबै:
जब ईसु पृथ्वी मैं सरीर की अवस्था मैं रहै, बौ अपनी जिंदगी मैं परमेस्वर से प्रार्थना और बिनती आँसु बहाएकै करी, जो बाकै मौत से बचाए सकत रहै। लेकिन बौ विनम्र और समर्पित रहै, तभई परमेस्वर बाकै सुनी।