22 “सरीर को दिया आँखी है। अगर तेरी आँखी ठीक है तौ तेरो पूरो सरीर उजियारो मैं रैहगो;
22 आँखी शरीरकी एक दिया कता हए। अगर तुमर आँखी अच्छी हए, तओ तुमर सारा शरीर उजियारो हुइहए।
और लोग दिया जलायकै छपरिया के तरे नाय रखथैं लेकिन डीट मैं रखथैं, तौ बाके उजीते से घर के सब लोगन कै उजियारो मिलथै।
और बे हर दिन एक मन हुईकै मंदिर मैं एक समूह के रूप मैं मिले, और बे अपने घरन मैं एक संग खुसी और विनम्र मन से खानु खाईं,
मोकै डर है कि तुमरे दिमाक भ्रस्ट हुई जांगे और तुम मसीह के ताहीं अपनी पूरी पवित्रता कै छोड़ देगे, बसिये जैसे हव्वा कै साँप को चालाँक झूठ धोका दई रहै।
हे दासौ, जो लोग सरीर के आधार से तुमरे मालिक हैं, अपने मन की सिधाई से डरात भै और काँपत भै, जैसे मसीह की, बैसिये उन्हईं की बात मानैं।
अरे सेवकौ, जो सरीर से तुमरे मालिक है, सब बातन मैं उनकी आग्या को पालन करौ, इंसान कै खुस करन बारे के हानी दिखान के ताहीं नाय, लेकिन मन कि सिधाई और परमेस्वर के डर से।