15 हर फसह के त्योहार मैं रोमन हाकिम कोई भी एक कैदी कै भीड़ के ताहीं छोंड़े करत रहै।
15 निस्तार तेवहारको बेरा बडो हाकिम आदमीनको रोजो भओ एक जनै कैदीके छोडेकर्त रहए।
“पर बे कहेत रहैं, त्योहार के समय नाय; कहीं ऐसो ना होबै कि आदमिन मैं हुल्लड़ मच जाबै।”
बौ समय ईसु बरअब्बा नाओं को एक नामी कैदी रहै।
इसलै मैं जाकै कोड़ा मरवाएकै जान दुंगो।”
पिलातुस त्योहार के समय उनके ताहीं एक बंधी कै छोड़न ताहीं बेबस रहै।
तौ पूरी भीड़ चिल्लाए उठी, “जाकै मार डारौ! और हमरे ताहीं बरअब्बा कै आजाद कर दे।”
लेकिन पतरस दुआरे फाटक मैं ठाड़ो रहो। तौ बौ दुसरो चेला जो बड़ो पुजारी को जानो-पहचानो रहै, बौ बाहर आओ और फाटक की रखबारी करन बारी से कहकै पतरस कै भीतर लैगौ।
तौ बौ ईसु कै उनके हाथ मैं सौंप दई ताकी बौ क्रूस मैं चढ़ाओ जाबै, तौ फिर बे ईसु कै हूँना से लैगै।
दुई साल बीत जान के बाद, पुरकियुस फेस्तुस, फेलिक्स की जघा मैं राज्यपाल बनकै आओ। फेलिक्स यहूदियन ऊपर दया देन के इरादा से पौलुस कै कैदखाना मैं छोड़ गौ।
लेकिन फेस्तुस यहूदिन ऊपर दया करनो चहात रहै तौ पौलुस से पूँछी, “का तैं चाहथै कि मैं जे दोस लगान बारेन को फैसला यरूसलेम मैं करौं?”