तौ ईसु अपने चेलन कै बुलाएकै कही, “मोकै जौ भीड़ के ऊपर तरस आथै; काहैकि बे तीन दिन से मेरे संग हैं और उनके झोने कछु खान कै ना है; और मैं उनकै भूंको पनारनो नाय चाहथौं; कहीं ऐसो नाय होबै कि थक हार कै रहामैं चक्कर आयकै गिर पड़ै।”
कि तैं उनकी आँखी खोलै, कि बे अंधियारे से उजियारे के घाँईं, और सैतान के अधिकार से परमेस्वर के घाँईं लौटैं; कि पापन की माफी, और बे लोगन के संग जो मेरे ऊपर बिस्वास करन से पवित्र करे गै हैं, बिस्वास पामैं।’
जहेमारे बाकै जरूरी रहै, कि सब बातन मैं अपने भईय्या-बहेनियन के जैसे बनै; जोसे बौ बे बातन मैं जो परमेस्वर से जुड़ी भइ है, एक दयालु और बिस्वास के लायक बड़ो पुजारी बनै ताकी लोगन के पापन के ताहीं पछताबै।