चट्टान मैं के बीज बे हैं, कि जब बे सुनथैं, तौ खुसी से बचन कै अपनाथैं, पर जड़ ना पकड़न से बे थोड़ी देर ले बिस्वास रखथैं, जब परिक्छा को समय आथैं, तौ बे बहक जाथैं।
जौ तभई हुई सकथै जब तुम बिस्वास के बुनियाद मैं मजबूत हुईकै बने रहबौ और सुसमाचार की बौ आसा कै जो तुम सुने हौ मत छोड़ौ, जोको प्रचार आसमान के तरे सब लोगन कै करौ गौ; और जोको मैं पौलुस सेवक बनो।