20 और एक दुसरो कही, ‘मैं कतई-अभई बिहा करो हौं, और जौ बजे से मैं ना आए सकथौं।’
20 दुस्रो कही, मए बेहा करो हओं। जहेमारे मए नाए आए पएहओं।
दुसरो कही, ‘मैं पाँच जोड़ी बरधा मोल लौ हौं, और उनकै समझन और परखन जाएरौ हौं; मैं तोसे पूछथौं, मोकै माफ कर दे।’
बौ सेवक आयकै अपने प्रभु कै जे बात सुनान लगो। तौ घर को प्रभु गुस्सा मैं आयकै अपने सेवक से कही, ‘नगर के बजारन और गलियन मैं तुरंतै जाएकै कंगालन, टुन्डन, लंगड़न और अंधरन कै हिंयाँ लै आबौ।’
लेकिन बिहा बारे आदमी दुनिया की बात की चिंता मैं रहथै, कि अपनी बईय्यर कै कौन सी रीति से खुस रखै।