तौ बौ अपनी बारी के रखबरिया से कही, रखबरिया ‘देख, तीन साल से मैं जौ अंजीर के पेंड़ मैं अंजीर ढूँड़त आयरौ हौं, और मोकै कछु न मिलो; जाकै काट दे! कि जौ जमीन कै भी काहे रोके रहमैं?’
सेनापति बाकै हुकम दई, तौ पौलुस सिड़ी मैं ठाड़कै लोगन कै चुप रहन कै ताहीं अपने हात से इसारा करी। जब बे चुप हुईगै, तौ पौलुस इब्रानी भासा मैं उनसे बात करी: