13 अपने बालका समझकै तुमसे कहथौं कि तुम्हऊँ अपनो मन हमरे अग्गु खोलकै धर दियौ!
13 अब जाको बदलामे मए अपनुवए बालकन हानी कहात हओं, कि तुम फिर अपनो पुरा हृदयसे प्रेम करओ।
जहेमारे मैं तुमसे कहथौं कि जो कुछ तुम प्रार्थना करकै माँगौ, तौ भरोसो कर लेयौ कि तुमकै मिलगौ, और तुमरे ताहीं हुई जाबैगो।
ए मेरे भईय्यौ और बहेनियौ, मैं तुमसे नहोरे करथौं, तुम मेरे हानी हुई जाओ: काहैकि तुमरे हानी भौ हौं; तुम मेरो कछु अन्याय नाय करे हौ।
मेरे प्रिय बालकौ! जब तक तुम मैं मसीह को रूप ना बन जाबै, तौले मैं तुमरे ताहीं एक बच्चा के जनम देत भइ अईय्या के हानी दुख सहथौं।
तुम जानथौ कि हम हर एक के संग बैसिये बर्ताव करथैं, जैसे दऊवा अपने बालकन के संग करथैं।
मैं जौ तुमकै, मेरे बालकौ लिखरौ हौं, ताकी तुम पाप नाय करौ; लेकिन अगर कोई पाप करथै, तौ हमरे झोने कोई है जो हमरो मदतेया है, जो हमरे घाँईं से दऊवा से प्रार्थना करथै। जौ आदमी ईसु मसीह है जो न्याई है।
मेरे बालका, हमरो प्रेम सिरफ सब्द और बात नाय होनो चाहिए; जौ सच्चो प्रेम होनो चाहिए, जो खुदकै काम मैं दिखाथै।
कोई तुमकै धोका ना देबै, मेरे बालकौ! जो कोई सई करथै बौ न्याय है, जैसी कि मसीह न्याई है।
जितनी खुसी मोकै जौ सुनकै होथै कि मेरे बालका सच्चाई मैं जीथैं उतनी खुसी मोकै और कोई बात से ना होथै।