पर सबई लोग जा सच्चाई कै ना जानै हैं। पर कुछ लोगौ कै मूरतिऔं के सामने बलि चढ़ानै की आदत ही, और जब बे चढ़ाबे कै खावै हैं तौ बे अब तक ऐंसो सोचै हैं कै मूरती भगबान हैं। उनके मन की समज कमजोर हो गई है और बे ऐंसो सोचै हैं कै हम असुद्द हो गए हैं।
मसी को खून भौत कुछ कर सकै है, मसी तौ हमेसा की आत्मा के दुआरा हमरे परमेसर के सामने निरदोस चढ़ाबो करकै खुद कै चढ़ाओ, तब तौ बाको खून जरूर मौत की ओर लेजानै बारे कामौ सै हमरे मन कै सुद्द करैगो, जिस्सै हम जिन्दे परमेसर की सेवा करैं।
धियान सै रैहईओ ऐंसो ना होए कै कोई बी परमेसर की किरपा सै छुट जाय, और कोई करई जड़ फटकै तुमरे ताँई मुसीबत लाय और जिसकी बजै सै भौस्से लोग अपबित्तर हो जावै हैं।