इनौई मैसै ऐंसे गलत सिक्छा दैनै बारे लोग हैं, जो दूसरौं के घरौं मै घुसकै और जो बईयरैं मूरख हैं, उनकै अपने बस मै कर लेबै हैं, जो बईयरैं अपने पाप के बोज सै दबकै कई तरै की बुरी इच्छाऔं मै फसी हैं।
हम जानै हैं कै नियम जो कुछ कैबै है, बौ उनई लोगौं सै कैबै है जो नियम कै मानै हैं, इसताँई कै हर एक मौह बन्द करो जा सकै और सैरी दुनिया के लोगौं कै परमेसर के सामने अपनो अपनो हिसाब देनो होगो।
कैसेकै अगुबा कै परमेसर को काम सौंपो गओ है, इस बजै सै उसकै निरदोस होनो चँईऐ, ना हटी, ना घुस्सा कन्नै बारो, ना पियक्कड़, ना मारपीट कन्नै बारो, और ना नीच कमाई को लालची हो,
“अरे कपटी सास्तरिऔं और फरीसिऔं! तुम्मै धिक्कार है। तुम लोगौ के ताँई सुरग के राज को मौहड़ो बन्द कर देवौ हौ तुम खुद तौ ना जाबौ हौ पर जो जानो चाँहै है, उनकै रोक देवौ हौ।
पर किसी राँड़ बईयर के बालक या नाती पोता हौं, तौ बे बालक सबसै पैले अपने धरम के काम करते भए अपने टब्बर कै लेकै बाके संग अच्छो बरताब करैं, कैसेकै बा राँड़ अईया नै उनकी देखभाल करी ही, कैसेकै इस्सै परमेसर खुस होवै है।
और इन बातौं के अलाबा बे आलसी होनै की बजै सै अपने काम कै छोड़कै चली जावै हैं। बे दूसरौं के घरौं मै झाँकती फिरै हैं और बेकार की बात बतकाते भए लोगौ के काम मै टांग अड़ावैं हैं। बे ऐंसी बात बतकावैं हैं जिनकै ना बतकनो चँईऐ।