जिनके नाम सुरग मै लिखे गए हैं उन परमेसर की पैली औलादौं की मंडली मै, सबके नियाय कन्नै बारे परमेसर के धौंरे और पक्के बनाए गए धरमी लोगौ की आत्माऔ के धौंरे आए हौ।
मेरे पियारे भईयौ, अब हम परमेसर की औलाद हैं, मगर जौ अबी तक परकट ना भओ है कै हम का बनंगे। हम इतनो जानै हैं कै जब परमेसर को लौंड़ा परकट होगो, तौ हम बाके जैसेई हो जांगे, कैसेकै हम बाकै बैसेई देखंगे जैसो बौ है।
मेरी तुमसै जौ बिनती है कै जब मैं तुमरे धौंरे आंगो तौ मैंकै कठोर बन्नै के ताँई मजबूर मत करिओ, कैसेकै जो लोग समजै हैं कै हम दुनिया के लोगौ के हाँई बरताब करै हैं, तौ मैं उनकै कठोर बनकै दिखांगो।