कैसेकै नियाय कन्नै को बखत आई गओ है कै पैले परमेसर अपनेई लोगौ सै नियाय सुरू करैगो, और जब नियाय की सुरूआत हम सैई होगी तौ उन लोगौ को का होगो? जो परमेसर की अच्छी खबर कै ना मानै हैं।
मैं अच्छी खबर सै ना सरमाबौ हौं, कैसेकै अच्छी खबर मुक्ति पानै के ताँई, जो उसके ऊपर बिसवास करै है, उन सबके ताँई परमेसर की सकति है पैले यहूदी के ताँई फिर यूनानी के ताँई।
और अब किसी मै कोई फरक ना है, चाँहे यूनानी होए या यहूदी, चाँहे खतना बारो होए या बिना खतना बारो, चाँहे सैहर को होए या जंगल को, चाँहे गुलाम होए या आजाद। मसी सिगरी बातौं मै सबई सै बढ़कै है और बौ हम सबई मै रैहबै है।
तीन दिनौ के बाद पौलुस नै यहूदी नेताऔं कै बुलाओ और बे इखट्टे भए तबई पौलुस नै उनसै कैई कै, “हे भईयौ, मैंनै अपने देस के लोगौ के या अपने बापदादौं के नियम के खिलाप कुछ ना करो तब्बी मैंकै ऐरूसलेम मै बन्दी बनाकै रोमी लोगौ कै सौंप दओ।
और पैले दमिसक मै फिर ऐरूसलेम और फिर यहूदिया मुलक के लोगौ कै और गैर यहूदी लोगौ कै समजातो रैहओ कै अपने गलत कामौ सै मन फिराऔ और परमेसर की ओर मुड़ौ और ऐंसे काम करौ जिस्सै जौ पतो लगै कै हमरो मन बदल गओ है।
जौ बात सुनकै बे चुप हो गए, और परमेसर की बड़ाई करल लगे और उन्नै कैई कै, “परमेसर नै गैर यहूदी लोगौ कै बी गलत काम सै मन फिरानै को मौको दओ है जो जिन्दगी की ओर ले जावै है।”