13 जब छटमे सुरगदूत नै जैसेई अपनी तुरही बजाई, बैसेई मैंनै परमेसर के सामने एक सौने की बेदी देखी, बाके चार सींगौ सै मैंनै आती भई एक अबाज सुनी।
पाँचमे सुरगदूत नै जब अपनी तुरही बजाई तब मैंनै आसमान सै धरती मै गिरतो भओ एक तारो देखो, और बाकै पाताल कुन्ड की कूंची देई गई।
कैसेकै हमरे धौंरे एक ऐंसो बड़ो पुजारी है जो परमेसर के घर को अधकारी है।
कैसेकै मसी आदमी के हात सै बनाई भई पबित्तर जघै मै ना गओ जो सच्चे पबित्तर जघै की एक नकल है। पर अब हमरी ओर सै बौ परमेसर के सामने परकट होनै के ताँई सुरग मै गओ।
इसके बाद मैंनै देखो कै उन सात सुरगदूतौं कै, जो परमेसर के सामने खड़े रैहबैं हैं, उनकै सात तुरही देई गंई।