13 और समन्दर नै उन मरे भएऔं कै जो उसमै हे दे दए, और मौत और अधलोक नै उन मरे भएऔं कै जो उनमै हे दे दए; और उनमै सै हर एक को उनके कामौ के अनुसार नियाय करो गओ।
मैंनै नजर करी और देखो, एक हल्के पेरे रंग को घोड़ा हो, उसके ऊपर बैठे भए को नाम “मौत” हो, और अधलोक उसके पीछे-पीछे हो और उसकै धरती के एक चौथाई हिस्सा मै जौ अधकार देओ गओ कै तरवार, अकाल और मरी और धरती के जंगली जनाबरौ दुआरा लोगौ कै मार डारै।
फिर मैंनै छोटे बड़े सब मरे भएऔं कै सिंगासन के सामने खड़े भए देखो। और किताबौ कै खोलो गओ, फिर एक और किताब खोली गई यानी जिन्दगी की किताब; और जैसो किताबौ मै लिखो हो, उनके कामौ केई अनुसार मरे भएऔं को नियाय करो गओ।
“और अरे, कफरनहूम के लोगौ! का तुमकै सुरग तक ऊँचो उठाओ जागो? ना! तुमकै तौ अधलोक मै नरक तक नीचे गिरा दओ जागो, कैसेकै जो चमत्कार तुम्मै करे गए हैं, अगर सदोम मै करे जाते, तौ बौ जघै आज तक बनी रैहती।
मैं बाके बालकौ कै महामारी सै मार डारंगो, तब सैरे बिसवासिऔ की मंडलिऔ कै पतो हो जागो, कै मनौ और दिलौ कै जाँचनै बारो मैंई हौं, और मैं तुम मै सै हर एक कै उसके कामौ के अनुसार फल दंगो।