6 फिर मैंनै एक बड़ी भीड़ की अबाज जो, समन्दर की लहरौं और गरजते भए बादरौं जैसी तेज अबाज कै जौ कैते भए सुनो, “परमेसर के नाम की जै जैकार हो! कैसेकै हमरे परभु परमेसर सरब सकतिमान को राज है।
और मैंकै सुरग सै एक ऐंसी अबाज सुनाई दई, जैसे तेजी सै बड़ी नद्दिऔं मै बैहतो पानी और बादरौं के गरजनै के जैसी अबाज ही, और जो अबाज मैंनै सुनी बौ ऐंसी ही, जैसे भौत बींड़ा बजानै बारे बींड़ा बजा रए हौं।
फिर मैंनै सुरग मै किसी कै ऊँची अबाज मै जौ कैते भए सुनो, “अब हमरे परमेसर की मुक्ति और सकति और राज और उसके मसी को अधकार परकट भओ है, कैसेकै हमरे भईयौ के ऊपर दोस लगानै बारो, जो रात-दिन हमरे परमेसर के सामने उनमै दोस लगाऐ करै हो, उसकै गिरा दओ गओ है।