9 जब धरती के राजा, जिनौनै उसके संग बैबिचार और जिन्दगी के सुख और खुसी के हिस्सेदार हैं, जब उसके जरनै को धुआँ देखंगे, तौ उसके ताँई रोंगे और छाती पीटंगे।
कैसेकै सब जातिऔं नै उसके बैबिचार की इच्छा की दारू पीई है। और धरती के राजाऔं नै उसके संग बैबिचार करो है और धरती के ब्यापारी उसकी धन-दौलत की सकति सै और जादा सेट हो गए हैं।”
और उनके दरद को धुआँ हमेसा ऊपर उठतो रैहगो, और जो उस जनाबर और उसकी मूरती की पूजा करतो होगो, या उसको निसान अपने ऊपर लगागो उनकै रात-दिन कबी चैन ना मिलैगो।”
जितनी उसनै अपनी बड़ाई बतकाँई और सुख और खुसी मनाई है, उतनोई उसकै दरद और दुख देईओ, कैसेकै बौ अपने मन मै कैबै है, मैं रानी के जैसी सिंगासन मै बैठी हौं, मैं राँड़ ना हौं और कबी दुखी ना हौंगो।
“देखौ, मैं उसकै बेमारी की खटिया मै पटक दंगो और जो बाके संग दूसरी बईयरौं हाँई गलत काम करै हैं। अगर बे बी उसके जैसे कामौ सै मन ना फिरांगे, तौ मैं उनके ऊपर बी बेसानी दुख डारंगो।