21 तब एक सकतिसाली सुरगदूत नै चक्की के बड़े पटा के जैसो एक पत्थर उठाओ और जौ कैते भए समन्दर मै फैंको कै, “हे महान बेबिलोन ऐंसेई बड़ी तागत सै गिराओ जागो और फिर कबी तू ना मिलैगो।
और बींड़ा बजानै बारे, गायकौं, बांसरी बजानै बारे और तुरही की अबाज कबी ना सुनाई देगी, और किसी बी ब्यापार के कारीगर तुम्मै फिर कबी ना मिलंगे। और चक्की की अबाज तैमै फिर कबी ना सुनाई देगी।
फिर मैंनै एक दूसरे सकतिसाली सुरगदूत कै बादर ओढ़े भए आसमान सै उतरते देखो, उसकी खोपड़ी मै धनकमान हो बाको मौह सूरज के जैसे और बाके पाँऐ आग के खम्मा के जैसे हे।