और उसनै ऊँची अबाज मै कैई, “परमेसर सै डरौ और उसकी बड़ाई करौ कैसेकै उसको नियाय कन्नै को टैम आ गओ है। उसके सामने घूंटे टेकौ, जिसनै सुरग और धरती, समन्दर, पानी के सोत बनाए हैं।”
इनकै आसमान कै बन्द कन्नै को अधकार है। इनकी भबिसबानी के टैम पानी ना बरसैगो। इनकै पानी कै खून मै बदलनै को और जब-जब चाँहै तब-तब धरती मै हर किसम की महामारी भेजनै को अधकार है।