फिर उसनै मैंसै कैई, “सब कुछ पूरो हो चुको है। मैंई पैलो और आखरी हौं, मैंई सुरूआत और अन्त हौं। जो बी पियासो है, मैं उसकै जिन्दगी के जल के सोत सै मुफत मै पिबांगो।
जिसमै पैले तुम जा दुनिया के बुरी रस्ता मै चलते भए बा आसमान के दुसट सकतिऔं के अधकारी को नाम जपते भए जीवै हे। जौ बौई आत्मा है जो अब उन लोगौ के भीतर काम कर रई है, जो लोग परमेसर की आगियाँ कै ना मानै हैं।
तबई मन्दर मै सै एक और सुरगदूत बाहार लिकरो और ऊँची अबाज सै चिल्लाते भए जो बादर मै बैठो हो उस्सै कैई, “दरांत चला और अपनी फसल इखट्टी कर कैसेकै फसल काटनै को टैम आ गओ है। और धरती की फसल पक चुकी है।”
और तब सुरग मै परमेसर को मन्दर खुल गओ और उस मन्दर मै बाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और फिर बिजली को चमकनो, बादर को गरजनो, गड़गड़ाहट की अबाज, हालोचालो भओ और बड़े-बड़े ओरे पड़े।
जब सातमे दूत नै तुरही बजाई तौ सुरग मै तरै-तरै की अबाज जोर सै सुनाई देल लगीं कै, “दुनिया को राज हमरे परभु और उसके मसी को राज बन गओ है और बौ हमेसा राज करैगो।”