15 “देखौ! मैं चोर के हाँई आ रओ हौं। धन्न है बौ, जो जगतो और अपने लत्तौ कै अपने संग रक्खै है, ताकि बौ नंगो ना फिरै और लोगौ के सामने उसकै सरमिन्दा ना होनो पड़ै।”
इसताँई मैं तेकै सला देरओ हौं कै आग मै सुद्द करो भओ सौनो मैंसै मोल लेकै तू सेट हो जाय और सपेद लत्ता मोल ले ले जिसकै पैहरकै तेरे नंगेपन की सरम ढक जाय और अपनी आँख मै लगानै के ताँई सुरमा मोल ले ले, कै तू देखल लगै।
पर परभु को दिन चोर के हाँई अचानक सै आगो, बा दिन आसमान एक बड़ी अबाज के संग गायब हो जागो और एक बड़ी लपट के संग सबई चीज पिगल जांगी, और धरती और बाके सबई काम सामने आ जांगे।
इसताँई जगते रैहऔ और हर टैम पिराथना करते रैहऔ, जिस्सै तुम इन सब आनै बारे संकटौ सै बचनै और भरोसे के संग आदमी के लौंड़ा के सामने खड़े होनै के लायक बन जाऔ।”