12 इसताँई हे सुरग और उनमै रैहनै बारे खुसी मनाऔ। पर हे धरती और समन्दर, तुमरे ऊपर हाय! कैसेकै सैतान बड़ी घुस्सा के संग तुमरे धौंरे उतर आओ है, कैसेकै बौ जानै है कै, बाको थोड़ोई टैम और बाकी है।”
जब मैंनै फिर देखो, तौ आसमान के बीच मै उड़नै बारे एक उकाब कै जौ कैते सुनो कै, “उन तीन सुरगदूतौं की तुरही की अबाज के कारन सै, जिनको बजानो अबी बाकी है, धरती के रैहनै बारौ मै हाय, हाय, हाय।”
और जो हमेसा जिन्दो रैहबै है, और जिसनै सुरग कै और जो कुछ उसमै है, धरती कै और जो कुछ उसमै है, और समन्दर कै और जो कुछ उसमै है, बनाओ और उसकी कसम खाकै कैई, “अब तौ और देर ना होगी।
और उस बड़े से अजगर कै जो पुरानो साँप है, जिसकै सबसै बड़ी दुसट आत्मा और सैतान कैबै हैं। जो सिगरी दुनिया कै भटकावै है उसकै और उसके दूतौ कै धरती मै फैंक दओ गओ।