फिर ईसु नै कैई, “उन दिनौ सूरज, चाँद और तारौं मै चमत्कारी चिन्न दिखाई दंगे और धरती मै जाति-जाति के सब लोगौं मै मुसीबत आंगी और बे समन्दर के गरजनै और उथल पुथल सै घबरा जांगे।
फिर मैंनै सुरग मै एक और महान और अदभुत चिन्न देखो। मैंनै देखो कै सात सुरगदूत आखरी सात मुसीबतौं कै लेए भए हे। कैसेकै इनके हो जाने के बाद परमेसर को घुस्सा खतम हो जावै हो।
और तब सुरग मै परमेसर को मन्दर खुल गओ और उस मन्दर मै बाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और फिर बिजली को चमकनो, बादर को गरजनो, गड़गड़ाहट की अबाज, हालोचालो भओ और बड़े-बड़े ओरे पड़े।
“तब आसमान मै आदमी के लौंड़ा को चिन्न दिखाई देगो, धरती की सैरी जाति के लोग छाती पीटंगे और बे आदमी के लौंड़ा कै सकति और महिमा के संग आसमान के बादरौं मै आते भए देखंगे।
उन सात तारौं को, जो तैनै मेरे खाने हात मै देखे हे और उन सात सौने के आरौं को भेद, जौ है कै बे सात तारे सातौं बिसवासिऔ की मंडलिऔ के सुरगदूत हैं, और बे सात आरे सात बिसवासिऔ की मंडली हैं।”
कैसेकै मैं तुमरे ताँई बैसेई फिकर करौ हौं जैसी परमेसर करै है। तुम एक पबित्तर कुँआरी के हाँई हौ, जिसकी सगाई मैंनै एकई आदमी संग करर खाई है, और बौ आदमी मसी है।