13 तबई उसई घड़ी एक बड़ो हालोचालो आओ, और सैहर को दसमो हिस्सा नास हो गओ। सात हजार आदमी मर गए और जो बच गए हे, उनौनै डर के मारे सुरग के परमेसर की महिमा करी।
और उसनै ऊँची अबाज मै कैई, “परमेसर सै डरौ और उसकी बड़ाई करौ कैसेकै उसको नियाय कन्नै को टैम आ गओ है। उसके सामने घूंटे टेकौ, जिसनै सुरग और धरती, समन्दर, पानी के सोत बनाए हैं।”
हे परभु, एक तुई है जिस्सै सब लोग डरैं हैं, और तेरो नाम लेकै सब जनी तेरी बड़ाई करै हैं। कैसेकै तुई पबित्तर है, और सिगरी जातिऔं के लोग आकै तेरी आराधना करै हैं, कैसेकै तेरे नियाय के काम सबके सामने परकट होवै हैं।
और तब सुरग मै परमेसर को मन्दर खुल गओ और उस मन्दर मै बाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और फिर बिजली को चमकनो, बादर को गरजनो, गड़गड़ाहट की अबाज, हालोचालो भओ और बड़े-बड़े ओरे पड़े।