11 “मैं तेसै कैरओ हौं, ‘उठ, अपनो सितरो उठा और अपने घर जा।’”
ईसु नै उसके ऊपर तरस खाकै अपनो हात बढ़ाओ, और उसकै छूँकै उस्सै कैई, “मैं चाँहौ हौं कै तू ठीक और सुद्द हो जा”
आत्माई है जो जिन्दगी देवै है, और सरीर सै कुछ फाएदा ना है। जो बचन मैंनै तुमसै कैए हे, बे आत्मा और जिन्दगी हैं।
पर तुमकै पतो हो जाऐ कै आदमी के लौंड़ा कै इस धरती मै पाप माफ कन्नै को हक मिलो भओ है।” तब ईसु नै उस फालस के मारे भए सै कैई,
और बौ उठकै खड़ो हो गओ और तुरन्त अपनो सितरो उठाकै सब आदमिऔ के देखते भए बाहार चलो गओ; और बे सबके सब बड़े अचम्बे मै पड़ गए, और परमेसर की बड़ाई करते भए कैललगे, ऐंसो तौ हमनै कबी ना देखो।