3 फिर जब ईसु मन्दर के सामने जैतून के पहाड़ मै बैठो भओ हो तौ उस्सै पतरस, याकूब, यहून्ना और अन्दरयास नै इकले मै पूँछी,
और बौ बिना दासतान उनसै कुछ बी ना कैबै हो, पर एकान्त मै अपने खास चेलौ कै सब बातौं को अरथ समजाबै हो।
ईसु और उसकै माननै बारे जब ऐरूसलेम के धौंरे जैतून पहाड़ के बैतफगे मै पौंचे तौ, ईसु नै दो चेला जौ कैह कै भेजे,
और बौ पतरस और याकूब और यहून्ना कै अपने संग ले गओ: बौ भौत दुखी और परेसान हो रओ हो।
फिर जबदी को लौंड़ा याकूब और यहून्ना ईसु के धौंरे आए और उस्सै बोले, “गुरू, हम चाँहै हैं कै हम जो कुछ तेसै माँगै, तू हमरे ताँई बौ कर।”
छै दिन के बाद ईसु नै पतरस, याकूब और यहून्ना संग लए, और किसी ऊँचे पहाड़ के एकान्त मै ले गओ, और उनके सामने उसको रूप बदल गओ।
और ईसु नै पतरस, याकूब और याकूब को भईया यहून्ना के सिबा कोई बी अपने संग आन ना दए।
जब ईसु जैतून पहाड़ मै जाकै बैठ गओ तौ चेलौ नै अलग उसके धौंरे आकै कैई, “हमकै बता जौ कब होगो? तेरे आनै को और युग के अन्त को चिन्न का होगो?”
छै दिन के बाद ईसु नै पतरस, याकूब और उसके भईया यहून्ना कै संग लओ और उनकै इकले मै किसी ऊँचे पहाड़ मै ले गओ।
तब ईसु भीड़ कै छोड़कै घर मै आओ, और बाके चेलौ नै बाके धौंरे आकै कैई, “खेत के जंगली बीज की दासतान हमकै समजा दे।”
फिर ईसु के चेलौ नै धौंरे आकै उस्सै कैई, “तू उनसै दासतानौ मै काए बात करै है?”
“हमकै बता, जौ कब होगो और किस चिन्न सै पतो चलैगो कै जौ सब पूरो होनै कै है?”