ईसु नै उनसै कैई, “तुमकै परमेसर के राज के भेदौं की समज देई गई है, पर औरौं कै दासतानौ मै सुनाओ जावै है, जिस्सै बे देखते भए बी ना देखैं, और सुनते भए बी ना समजैं।
फिर बौ दासतान मै उनसै बात करल लगो कै, “किसी आदमी नै अंगूर को बगीचा लगाओ, और उसके चारौ लंग बेड़ा बांधी, और उसमै रस को कुन्ड खुदबाओ और पक्को मचान बनबाओ, और कुछ किसानौ कै उसको ठेका देकै दूसरे मुलक चलो गओ।