तब बानै उनसै कैई, “किसती के दाँय हात की ओर जार डारौ तौ तुमकै कुछ मिलैगो।” इसताँई उनौनै जार फैंको मगर भौत जादा मच्छी होनै के कारन बे जार कै बापस खैंच ना सके।
फिर बी हम उन लोगौ कै गलत उदाहरन ना दैं, इसताँई तुम झील के किनार जाकै काँटो डारौ, जो मच्छी पैले फसैगी, बाकै पकड़ लेईओ, और बाको मौह खोलौगे तौ तुमकै एक सिक्का मिलैगो, उसई कै लेकै मेरे और अपने बदले उनकै दे देईओ।”