तबई जे दो बात हैं, एक बाकी कसम और दूसरो बाको बादो है, जो कबी ना बदलै है, और परमेसर झूँट ना बोल सकै है। इसताँई अगर हम परमेसर के धौंरे भाजकै बाकी सरन मै आवै हैं; और जो आस हमकै बानै देर खाई है, बाकै मजबूताई सै पकड़नै के ताँई हिम्मत मिलै।
तुम अपने अब्बा सैतान की औलाद हौ। और तुम अपने अब्बा की इच्छा मै चलनो चाँहौ हौ। बौ सुरू सैई हत्तियारो हो। और बौ सच्चाई मै कबी कायम ना रैहबै है। कैसेकै बामै सच्चाई हैई ना। जब बौ झूँट बोलै है तौ अपने सौभाब सै बोलै है, कैसेकै बौ झूँटो है और झूँट को अब्बा है।