21 उनौनै जाकै उस्सै जौ पूँछी कै, “हे गुरू, हम जानै हैं कै तू ठीक कैबै है, और सिकाबै बी है, और किसी को भेदभाब बी ना करै है, पर परमेसर की मरजी कै सच्चाई सै सिकाबै है।
उनौनै ईसु के धौंरे हेरोदिऔं के संग अपने चेला जौ सबाल पूँछनै भेजे, “गुरू! हम जानै हैं कै तू सच बोलै है और सच्चाई सै परमेसर के रस्ता की सिक्छा देवै है, और तू लोगौ की मौह देखी बात ना करै है।
का मैं आदमी की ओर सै अपनी बड़ाई चाँहौ हौं या परमेसर की? का मैं आदमिऔ कै खुस कन्नै के ताँई लगो रैहबौं हौं? अगर मैं अब तक लोगौ कै खुस करतो रैहतो तौ मैं मसी को सेवक ना होतो।
हम उन भौस्से लोगौ के हाँई ना हैं, जो परमेसर के बचनौ कै खुद के फाएदा के ताँई मिलाबट करै हैं। पर हम तौ परमेसर के बचनौ को परचार सच्चाई और ईसु मसी के हक सै और परमेसर की नजरौ के सामने करै हैं।
बानै रात मै ईसु के धौंरे आकै कैई, “हे गुरू, हम जानै हैं कै तू परमेसर की ओर सै आओ भओ गुरू है, कैसेकै इन चमत्कारौं कै जो तू दिखाबै है, अगर परमेसर उसके संग ना होतो तौ जे चमत्कार कोई ना दिखा सकतो।”
बे उसके धौंरे आए और बोले, “गुरू, हम जौ जानै हैं कै तू सच बोलै है और किसी की परवा ना करै है। और तू मौह देखी बात बी ना करै है, पर परमेसर को रस्ता सच्चाई सै बताबै है, तौ बता कैसर समराट कै लगान देनो ठीक है या ना?”
मैंकै जा बात सै कोई मतलब ना है कै बे जानेमाने लोग हे, पैले का हे। मेरे ऊपर उनको कोई असर ना पड़ो है और नाई उन्नै मेरी अच्छी खबर मै कुछ और कैई। परमेसर किसी के संग बी भेदभाब ना करै है।
इसताँई बे उसकी ताख मै लगे और जासूस बी भेजे, कै धरमी को भेस धरकै ईसु की कोई ना कोई बात पकड़ैं, और उसकै किसी बात मै फसाकै रोमी राजपाल के हात मै सौंप दैं।