इस बात मै बानै उनसै कैई, “तुम तौ बौ हौ जो लोगौं कै जौ जतानो चाँहौ हौ कै तुम भौत सच्चे हौ पर परमेसर तुमरे मनौ कै जानै है। कैसेकै जो चीज आदमिऔ की नजरौ मै महान है, बौ परमेसर की नजरौ मै तुच्छ है।
कैसेकै बे उस धारमिकता कै ना जानै हे जो परमेसर सै मिलै है मगर बे अपनी धारमिकता कै पक्को कन्नै मै लगे रैहबैं हैं, इसताँई उनौनै परमेसर की धारमिकता ना अपनाई।
जौ देक्कै, “बौ फरीसी जिसनै ईसु बुलाओ हो, अपने मन मै सोचल लगो, अगर जौ भबिसबानी कन्नै बारो होतो तौ जान लेतो, कै जो उसकै छूँ रई है, बौ कौन और कैसी बईयर है? कैसेकै बौ तौ पापन है।”
बौ फरीसी अगल खड़ो होकै जौ पिराथना करल लगो, ‘हे परमेसर, मैं तेरो धन्नबाद करौं हौं कै मैं दूसरे लोगौं जैसो लालची, ठग और दूसरी बईयरौं सै गलत काम कन्नै बारो बी ना हौं, और ना इस लगान लैनै बारे के जैसो हौं।
और हर किसम को खानो खानै बारो आदमी साग-सब्जी खानै बारे आदमी कै बेकार ना समजै। बैसेई बौ जो कुछ चीज ना खावै है, उसके ऊपर बौ आदमी दोस ना लगाऐ जो सब कुछ खावै है। कैसेकै परमेसर नै उसकै अपना लओ है।