मेरे भीतर इत्तो जादा हौसला हो कै मैं बिसवासिऔ की मंडली के लोगौ कै सताबै हो, और धारमिकता के बारे मै सबई नियम, और रीती रिबाजौ कै ऐंसे मानै हो कै मेरे ऊपर कोई दोस ना लगा सकै हो।
मैं तुमसै कैरओ हौं, इसई तरै जब कोई एक भटको भओ पापी, परमेसर की ओर लौहट आवै है तौ सुरग मै इत्ती खुसी होवै है जितनी कै उन निन्नियानबे लोगौं के ताँई ना होवै है जो धरमी हैं, जो भटके भए ना हैं।”
पर बानै अपने अब्बा कै जबाब दओ, ‘कै देख, मैं इतने साल सै तेरी सेवा कर रओ हौं, और कबी बी तेरी बात ना टाली, तौबी तैनै मैंकै कबी एक बकरी को बच्चा बी ना काटकै खबाओ, कै मैं बी अपने दोस्तौ के संग खुसी मना सकौं