7 मैं तुमसै कैरओ हौं, इसई तरै जब कोई एक भटको भओ पापी, परमेसर की ओर लौहट आवै है तौ सुरग मै इत्ती खुसी होवै है जितनी कै उन निन्नियानबे लोगौं के ताँई ना होवै है जो धरमी हैं, जो भटके भए ना हैं।”
बौ जरूरई जागो और जब उसकै बौ मिल जागी, तौ मैं तुमसै सच कैरओ हौं कै बौ उन निन्नियानबे भेड़ौ के ताँई जो खोई ना हीं, इत्तो खुस ना होगो जित्तो कै बौ बा भेड़ के मिलनै सै होगो।
इस बात मै बानै उनसै कैई, “तुम तौ बौ हौ जो लोगौं कै जौ जतानो चाँहौ हौ कै तुम भौत सच्चे हौ पर परमेसर तुमरे मनौ कै जानै है। कैसेकै जो चीज आदमिऔ की नजरौ मै महान है, बौ परमेसर की नजरौ मै तुच्छ है।
पर बानै अपने अब्बा कै जबाब दओ, ‘कै देख, मैं इतने साल सै तेरी सेवा कर रओ हौं, और कबी बी तेरी बात ना टाली, तौबी तैनै मैंकै कबी एक बकरी को बच्चा बी ना काटकै खबाओ, कै मैं बी अपने दोस्तौ के संग खुसी मना सकौं
“या सोचौ कोई बईयर है जिसके धौंरे दस चाँदी के रुपिया हैं और उसको एक रुपिया खो जावै है तौ का बौ दिया पजारकै घर मै तब तक झाड़ा झूड़ी और निगाह मारकै ढूंड़ती ना रैहगी जब तक कै बौ उसकै मिल ना जाय?