अपनी सैरी धन-दौलत बेचकै धन गरीबौ मै बाँट दो, अपने धौंरे ऐंसे झोला रक्खौ जो पुराने ना पड़ैं और सुरग मै ऐंसो धन इखट्टो करौ जो घटै ना है और जिसके धौंरे चोर बी ना जा सकै है, और नाई उसकै कीड़ा-मकोड़ा खा सकै हैं।
हमरे परम पिता परमेसर की नजरौ मै सुद्द और बिना दोस की भक्ति जौ है, कै मुसीबतौं मै पड़े अनाथौं और राँड़ौ की सायता करौ, और दुनिया के कलंक सै खुद कै बचाए रक्खौ।
और मैं तुमसै कैरओ हौं, इस बुरी दुनिया के धन-दौलत सै अपने ताँई दूसरौं कै दोस्त बनाऔ, ताकि जब तुमरी धन-दौलत किसी काम की ना रैहगी तब तुमरो सुआगत सुरग मै होगो।
तुमनै परमेसर के लोगौ के ताँई जिस पियार सै सेवा करी है और कर रए हौ बा पियार कै और तुमरे दूसरे कामौ कै परमेसर कबी ना भूलैगो, कैसेकै परमेसर अनियाय कन्नै बारो ना है।
कैसेकै जो तुमरी दैनै की इच्छा है, तौ बौ बाई मै सै दे, जो कुछ बाके धौंरे है, ऐंसोई दान परमेसर कै अच्छो लगै है। पर ना कै बौ बाके हिसाब सै देए, जो बाके धौंरे ना है।
पर जक्कई खड़ो भओ और ईसु सै बोलो, “हे परभु ईसु, देख, मैं अपनी सैरी धन-दौलत को आधो हिस्सा गरीबौ कै दे दंगो और अगर मैंनै किसी को छल सै कुछ बी लओ है तौ उसकै चार गुना करकै लौहटा दंगो।”