16 “जो तुमरी सुनै है, बौ मेरी सुनै है और जो तुमरी बेजती करै है, बौ मेरी बेजती करै है। जो मेरी बेजती करै है, बौ पिता परमेसर की बेजती करै है, जिसनै मैं भेजो हौं।”
“मेरे नाम मै जो कोई किसी बी एक बालक कै अपनाबै है, बौ मैंकै अपना रओ है, और जो कोई मैंकै अपनाबै है, बौ ना सिरप मैंकै अपना रओ है, पर मेरे अब्बा कै बी अपना रओ है, जिसनै मै भेजो हौं।”
का बेचनै सै पैले बौ खेत तेरो ना हो? और बिकनै के बाद बी का बा पैसा के ऊपर तेरो हक ना हो? तैनै जौ बात अपने मन मै काए सोची? तैनै आदमी सै ना पर परमेसर सै झूँट बोलो है।”
उनसै कैई, “जो मेरे नाम मै इस बालक को सुआगत करै है, बौ मेरो सुआगत करै है और बौ बाको बी सुआगत करै है, जिसनै मैं भेजो हौं। तुम्मै सै जो सबसै छोटो है, बौई सबसै बड़ो है।”
और मैं अपनी सरीर की कमजोरी की बजै सै तुमरे ऊपर बोज बनो पर फिर बी तुमनै ना तौ मेरी बेजती करी और ना मैंसै नफरत करी, पर तुमनै मेरो परमेसर के दूत और ईसु मसी के हाँई सुआगत करो।