41 जैसेई ऐलिसिबा नै मरियम की नमस्ते सुनी, बैसेई बालक बाके पेट मै उछल पड़ो, और ऐलिसिबा पबित्तर आत्मा सै भर गई।
तब बाको अब्बा जकरयाह पबित्तर आत्मा सै भर गओ, और परमेसर को सन्देसो सुनाल लगो कै,
और देख जैसेई तेरी नमस्ते की अबाज मेरे कानौ मै पड़ी बैसेई बालक मेरे पेट मै खुसी सै उछल पड़ो।
कैसेकै बौ परभु के सामने महान होगो, और अंगूरौं को रस और दारू कबी ना पियैगो, और अपनी अईया के पेट मैई पबित्तर आत्मा सै भर जागो।
तब पबित्तर आत्मा सै भरकै पतरस नै उनकै जबाब दओ, “हे बड़े बुजरगौं और नेताऔं,
और बे सबई पबित्तर आत्मा सै भर गए और जिस तरै पबित्तर आत्मा नै उनकै सकति दई बैसेई बे ऐंसी ऐंसी भासाऔ मै बोलल लगे, जिनकै बे जानै तक ना हे।
पर बानै पबित्तर आत्मा सै भरकै सुरग की ओर देखो और परमेसर की महिमा कै और ईसु कै परमेसर के खाने हात की ओर खड़े देखो और बानै कैई कै,
मैं परभु के दिन आत्मा मै आ गओ और मैंनै अपने पीछे तुरही जैसी ऊँची अबाज मै जौ कैते भए सुनो,
और सराप पीकै नसेड़ी मत बनौ, कैसेकै इस्सै लुच्चे काम की इच्छा जगै है। बलकन तुम पबित्तर आत्मा सै भरते जाऔ।
इसताँई भईयौ आपस मै सै समजदार और पबित्तर आत्मा सै भरे भए सात आदमिऔ कै चुन लो कै हम बौ काम उनके हातौ मै सौंप सकैं।
फिर ईसु पबित्तर आत्मा सै भरो भओ यरदन नद्दी सै लौहटो और आत्मा उसकै बियाबान जघै मै ले गओ,
फिर बौ जकरयाह के घर पौंची और उसनै ऐलिसिबा कै नमस्ते करी।
और बानै ऊँची अबाज मै कैई, “तू बईयरौं मै धन्न है, और तेरे पेट को बालक धन्न है।
तबई हननियाह बा घर मै गओ और साऊल के ऊपर हात रक्कै कैई कै, “हे भईया साऊल, परभु ईसु तेकै बा रस्ता मै जिस्सै तू आ रओ हो दिखाई देओ हो, बानै मैंकै इसताँई भेजो है कै तू फिर सै देख सकै और पबित्तर आत्मा सै भर जाऐ।”