11 उसई टैम परभु को एक सुरगदूत धूपबत्ती की बेदी के खाने हात की ओर खड़ो भओ बाकै दिखाई दओ।
जब छटमे सुरगदूत नै जैसेई अपनी तुरही बजाई, बैसेई मैंनै परमेसर के सामने एक सौने की बेदी देखी, बाके चार सींगौ सै मैंनै आती भई एक अबाज सुनी।
का जे सिगरे सुरगदूत परमेसर की सेवा कन्नै बारी आत्मा ना हैं? परमेसर इनकै मुक्ति पानै बारे लोगौ की सेवा कन्नै के ताँई भेजै है।
पर रात मै परभु के एक सुरगदूत नै जेल के फाटकौ कै खोल दओ, और उनकै बाहार ले जाकै कैई कै,
तब सुरगदूत नै उनसै कैई, “मत डरौ; कैसेकै मैं तुमकै बड़े आनन्द की अच्छी खबर सुना रओ हौं, जो सब लोगौ के ताँई होगी।
तबई सुरगदूत नै उसके धौंरे भीतर आकै उस्सै कैई, “परनाम, परभु की आसीस तेरे ऊपर भई है, परभु तेरे संग है।”
तब परभु के सुरगदूत नै जबाब देते भए उस्सै कैई, “मैं जिबराईल हौं। मैं बौ हौं जो परमेसर के सामने खड़ो रैहबौं हौं। मैंकै तेसै बात कन्नै और जा अच्छी खबर कै बतानै के ताँई भेजो गओ है।
और परभु को एक सुरगदूत उनके धौंरे खड़ो हो गओ, और परभु को उज्जेरो उनके चारौ ओर चमको और बे भौत डर गए।