और मैं तौ बाकै ना पैचानै हो, पर जिसनै मैंकै पानी सै जल संस्कार दैनै भेजो, बाई नै मैंसै कैई, ‘जिसमै तू आत्मा कै उतरते और ठैरते देखै, पबित्तर आत्मा सै जल संस्कार दैनै बारो बौई है’।
बताऔ यहून्ना कै जल संस्कार कहाँ सै मिलो? परमेसर सै या आदमिऔ सै?” बे आपस मै बिचार करते भए कैललगे, “अगर हम कैंगे ‘परमेसर’ सै तौ जौ हम सै पूँछैगो ‘फिर तुमनै उसको बिसवास काए ना करो?’