3 तुमरे सौने चाँदी मै जिंगाल लग गई है, और बौ जिंगाल तुमरे खिलाप गभाई देगी, और बौ आग के हाँई तुमरो मांस कै खा जागी। कैसेकै तुम लोगौ नै आखरी के दिनौ मै धन-दौलत को ढेर लगाओ है।
पर तू अपने बुरे कामौ सै मन ना फिरानै और अपने हटीले मन की बजै सै बाके कोप के दिन के ताँई जिसमै परमेसर को सच्चो नियाय परकट होगो, उस दिन के ताँई परमेसर को कोप कै इखट्टो कर रओ है।
मगर डरपौकौ, अबिसवासिऔं, बुरे लोगौ, खूनी, बैबिचारिऔ, जादू कन्नै बारे और मूरती पूजा कन्नै बारे और सबई झूँट बोलनै बारौं को हिस्सा उस झील मै मिलैगो, जिसमै आग और गन्धक पजरती रैहबै है। जौ दूसरी मौत है।”
“‘परमेसर कैबै है कै, आखरी बखत मै ऐंसो होगो कै, मैं सबई लोगौ मै अपनी पबित्तर आत्मा उतारंगो और तुमरे लौंड़ा और लौंड़िया परमेसर की ओर सै बोलंगे, और तुमरी नई पीड़ी दरसन पांगी और तुमरे बुजरग सपनो देखंगे।