इसताँई मेरे भईयौ, परभु ईसु मसी के फिर सै आनै तक सबर रक्खौ, देखौ, किसान जो अपने खेत की फसल कै पकनै को पैंड़ो देखै है, तौ बा सुरू की बरखा सै लेकै बाद की बरखा के आनै तक सबर रक्खै है।
“जिसके कान हौं बौ सुन ले कै आत्मा बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै का कैबै है। जो जै पाऐ, मैं बाकै उस जिन्दगी के पेड़ मै सै फल खानै कै दंगो जो परमेसर के बगीचा मै है।
“जिसके कान हौं बौ सुन ले आत्मा बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै का कैबै है। “जो जै पाय, उसकै मैं गुप्त मन्ना मै सै दंगो और उसकै एक सपेद पत्थर बी दंगो और उस पत्थर मै एक नओ नाम लिखो भओ होगो, जिसकै बाके लैनै बारे के अलाबा और कोई ना जानैगो।
पर मसी परमेसर को लौंड़ा होते भए बाके घराने के सामने बिसवासजोग हो। अगर हम हिम्मत रक्खै और जो आस मसी मै है बाकै ना छोड़ै तौ तबई हम परमेसर के घराने के हैं।
का तुम बा हौसला कै भूल गए हौ जो परमेसर नै तुमकै अपने बालक समज कै दओ हो, “मेरे पियारे बालकौ, परभु तुमकै सुदारै है बा बात कै हलके मै ना लेईओ, और अगर बौ तुमकै डाँटै तौ हिम्मत मत हारिओ।