बानै हमकै मुक्ति दई है और हमकै पबित्तर जिन्दगी जीनै के ताँई बुलाओ है, जौ सबई कुछ हमरे कामौ की बजै सै ना पर बा मकसद और किरपा की बजै सै भओ है। जौ बरकत हमकै जा दुनिया के बन्नै सै पैलेई ईसु मसी मै देर खाई है।
जब बे बरत रैहकै परभु के भजन किरतन कर रए हे, तबई पबित्तर आत्मा नै उनसै कैई कै, “मेरे जा काम के ताँई बरनबास और साऊल कै अगल करौ जिसके ताँई मैंनै उनकै बुलार खाओ है।”
अब परमेसर जो सिगरे किरपा को धनी है, जिसनै तुमकै मसी मै अपनी हमेसा की महिमा के ताँई बुलाओ है, तुमरो थोड़े देर को दुख सैहनै के बाद बौ खुदई तुमकै सिद्द, पक्के, सकतिसाली और तागत बारो बनागो।
पर मैं जो कुछ बी हौं, बौ परमेसर की किरपा सै हौं। बाकी किरपा जो मेरे ऊपर भई, बौ बेकार ना गई। पर मैंनै सबई सै जादा मैहनत करी, तौबी जौ मेरी ओर सै ना पर परमेसर की किरपा सै भओ, जो मेरे ऊपर ही।
उसई घड़ी बौ पबित्तर आत्मा मै होकै खुसी सै भर गओ, और कैई, “हे अब्बा, सुरग और धरती के परभु, मैं तेरो धन्नबाद करौं हौं, तैनै जे बात गियानिऔ और समजदारौं सै छिपाई रक्खीं, और सीदे सादे लोगौं कै बताई हैं, हे अब्बा, तेकै जौई अच्छो लगो।
कैसेकै परमेसर के बुद्धि के हिसाब सै जा दुनिया के लोग अपनेई बुद्धि सै परमेसर कै ना जानै हैं। तबई परमेसर कै जौ अच्छो लगो कै जिन परचार कन्नै बारे लोगौ कै जा दुनिया के लोगौ नै मूरख समजो उनई के परचार के दुआरा बिसवास कन्नै बारौ के ताँई मुक्ति को रस्ता खुलो।
गलातिया के बिसवासिऔ की मंडलिऔ कै मैं पौलुस की ओर सै और मेरे संगी बिसवासी भईयौ और बहनौ की ओर सै जौ चिट्ठी लिख रओ हौं। मैं ना तौ किसी आदमी की ओर सै और ना लोगौ की ओर सै भेजो भओ हौं, पर ईसु मसी और पिता परमेसर के दुआरा भेजो भओ चेला हौं। और पिता परमेसर नै मसी ईसु कै मरे भएऔं मै सै जिन्दो करो।