मसी के बचनौ कै अपने दिल मै पूरी तरै सै बसालो; और पूरे गियान सै एक दूसरे कै सिकाऔ और चितौनी दो, और अपने अपने मन मै धन्नबाद के संग परमेसर के ताँई किरतन करौ और भजन और आत्मिक गीत गाय करौ।
अरे भईयौ और बहनौ, फिर का कन्नो चँईऐ? जब तुम इखट्टे होबौ, तौ तुम्मै सै कोई भजन गावै, कोई कुछ सिकानै की बात, कोई परमेसर की ओर सै खास सन्देसो बताबै, और कोई किसी दूसरी दूसरी भासा मै बोलै है, तौ कोई बाको मतलब बताबै। जे सिगरी बात बिसवासी लोगौ कै आत्मिक रूप सै बढ़नै के ताँई होनी चँईऐ।
बे जौ नओ गीत गाल लगे, “तू इस किताब कै लैनै और इसकी मौहर खोलनै के लायक है, कैसेकै तैनै बलि होकै अपने खून सै हर एक गोत और भासा और लोग और जाति मै सै परमेसर के ताँई लोग मोल लए हैं।