29 तुमरे मौह सै कोई बी गलत बात ना लिकरै, पर जरूरत के हिसाब सै बौई लिकरै जो उनके अग्गे बढ़ानै के ताँई अच्छो है जिस्सै कै उन सुन्नै बारौ के ऊपर उस्सै भलो होए।
जो लोग बिसवासी ना हैं उनके बीच मै तुमरो चाल-चलन अच्छो रैह, चाँहे बे तुमरे ऊपर गलत काम कन्नै को इलजाम बी लगाऐ पर तुमरे भले कामौ कै देक्कै नियाय के दिन बे परमेसर की महिमा करैं।
बईयरौं, तुम अपने लोग की बात माने करौ, इसताँई कै उनमै सै अगर कोई परमेसर के बचनौ कै ना मानै है, तौ बे तुमरे पबित्तर और आदर बारी जिन्दगी कै देक्कै, तुमरे बगैर कुछ कैए बिना मसी बिसवास मै आँय।
जे बेकार की घमंड की बात करकै और सरीर की बुरी इच्छा और लुचपन की बातौं मै उनकै अपनी ओर खैंच लेबै हैं, जो गलत सिक्छा मै हैं उन लोगौ सै अबी-अबी बचकै लिकरे हैं।