इस बखत तुमरे ताँई मैं जो बी मुसीबत उठा रओ हौं, बाके बजै सै मैं खुस हौं। मसी को सरीर मतलब बिसवासिऔ की मंडली के ताँई मसी के दुख उठानै की जो बी कसर मेरी रैह गई है, बौ मैं अपने सरीर मै लेकै पूरी करौ हौं।
अगर हम दुख झेलै हैं, तौ बौ तुमरी सायता और मुक्ति के ताँई है, और अगर हमकै तसल्ली मिलै है। तौ जौ तुमरी तसल्ली के ताँई है, और बाईके असर की बजै सै तुम सबर के संग दुख कै सैह लेबौ हौ, जिसकै हम बी सैहबैं हैं।