कैसेकै हम सबई चाँहे यहूदी हौं, या गैर यहूदी या गुलाम, या आजाद हौं, पर सबई नै एकई आत्मा सै एकई सरीर होनै के ताँई जल संस्कार लओ है। पियास बुझानै के ताँई सबई कै एकई आत्मा दई गई है।
कैसेकै बौ आत्मा जो तुमकै मिली है, फिर सै दास बनानै या डरानै के ताँई ना है, बलकन बौ आत्मा तुमकै परमेसर की गोद लेई भई औलाद बनाबै है। जिस्सै हम “हे अब्बा, हे पिता” कैह कै परमेसर कै बुलाबै हैं।
कैसेकै मसी हमरे पापौं के ताँई एकई बार मरो, मतलब की बौ निरदोस हो और अधरमी लोगौ की जघै मै एक धरमी मरो कै हमकै परमेसर के धौंरे ले जाय, पर सरीर सै बौ तौ मारो गओ हो लेकन परमेसर नै बाकै आत्मा मै जिन्दो करो हो।
पर हमरे ताँई तौ एकई परमेसर है, मतलब बौ अब्बा जिसनै सिगरी चीज बनाई हैं, और हम उसई के ताँई हैं। एकई परभु है और बौ ईसु मसी है जिसके दुआरा सब चीज भंई और हम बी बाईके दुआरा हैं।
कैसेकै मूसा को नियम किसी कै बी पूरी तरै सै पक्को ना करै है। पर अब हमरे ताँई एक ऐंसी अच्छी आस रक्खी गई है, जिसके दुआरा हम परमेसर के धौंरे जा सकै हैं।
और अगर तुम, हर एक के करमौ के हिसाब सै बिना भेदभाब के नियाय कन्नै बारे परमेसर कै, हे अब्बा, कैह कै बुलाबौ हौ, तौ तुमकै अपनी जिन्दगी परदेसी के हाँई डरते भए काटनी चँईऐ।