“‘परमेसर कैबै है कै, आखरी बखत मै ऐंसो होगो कै, मैं सबई लोगौ मै अपनी पबित्तर आत्मा उतारंगो और तुमरे लौंड़ा और लौंड़िया परमेसर की ओर सै बोलंगे, और तुमरी नई पीड़ी दरसन पांगी और तुमरे बुजरग सपनो देखंगे।
“मैं याफा सैहर मै पिराथना कर रओ हो और पिराथना करते करते मैंनै एक दरसन देखो कै एक चद्दर के हाँई कोई बड़ी चीज चारौ कौने सै लटकती भई, आसमान सै मेरे धौंरे उतरकै आई।