बिना सोचे समजे किसी बी बिसवासी आदमी के मूड़ मै हात रखकै बाकै परभु के काम के ताँई ना भेजौ, और दूसरौं के पापौं मै साजेदार ना बनौ और खुद कै पबित्तर बनाऐ रक्खौ।
तबई हननियाह बा घर मै गओ और साऊल के ऊपर हात रक्कै कैई कै, “हे भईया साऊल, परभु ईसु तेकै बा रस्ता मै जिस्सै तू आ रओ हो दिखाई देओ हो, बानै मैंकै इसताँई भेजो है कै तू फिर सै देख सकै और पबित्तर आत्मा सै भर जाऐ।”