हे भईयौ, जो बात सच हैं, और जो बात इज्जत बारी हैं, और जो सई हैं, और जो बात पबित्तर हैं, और जो बात पियारी हैं, और जो बात मन कै पियारी लगै हैं, यानी जो बी भौत अच्छी और बड़ाई की बात हैं, उनई मै मन लगाए करौ।
इसताँई हे भईयौ, तुम जौ बात जाननै के ताँई हमेसा तईयार रौह, कै परमेसर नै तुमकै सच्ची मैई बुलाओ और चुनो है। कैसेकै अगर तुम इन बातौं कै करौ हौ तौ तुम कबी ठोकर ना खाऔगे।
इसताँई पियारे दोस्तौ, जब तुम इन बातौं की आस रक्खौ हौ तौ ऐंसी कोसिस करे करौ कै तुम लोग परभु की नजरौ मै बिना कलंक के और बिना गलती के बाके संग मेल-जोल रखे करौ।
बगैर बिसवास के परमेसर कै खुस कन्नो नामुमकिन है। कैसेकै जो परमेसर के धौंरे आवै है बाके ताँई जौ बिसवास कन्नो जरूरी है, कै परमेसर है और जो बाकै ढूंड़ै है उनकै बौ ईनाम देवै है।
इसताँई हे मेरे पियारे दोस्तौ, जैसे तुम हमेसा मेरी बातौं कै बा टैम मानै करै हे जब मैं तुमरे संग हो, और अब जब मैं तुमरे संग ना हौं तौबी तुम माने करौ, और तुम डरते और कांपते भए अपनी अपनी मुक्ति कै पूरो करते जाऔ।
बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
और जिस दिन सै हमनै जौ बात सुनी है, तब सै रोज हम तुमरे ताँई पिराथना और बिनती करै हैं कै, परमेसर तुमकै आत्मा के दुआरा सिगरी समज और बुद्धि दे, जिस्सै कै तुम बाकी इच्छा कै पूरे तरीका सै जान सकौ।
बैसेई हे लोगौ, तुम बी अपनी समज सै अपनी बईयरौं के संग अच्छी जिन्दगी बिताऔ, और बईयरौं कै कमजोर समजकै उनकी इज्जत करौ; जौ समजकै कै हम दौनौ संगई किरपा की जिन्दगी के हकदार हैं जिस्सै कै तुमरी पिराथना ना रुकै।
धियान सै रैहईओ ऐंसो ना होए कै कोई बी परमेसर की किरपा सै छुट जाय, और कोई करई जड़ फटकै तुमरे ताँई मुसीबत लाय और जिसकी बजै सै भौस्से लोग अपबित्तर हो जावै हैं।
इसके अलाबा हमरे और तेरे बीच एक भौत बड़ी खाई बनाई गई है, कै अगर हिंया सै कोई उस पार जानो बी चाँहै तौ, ना जा सकै और ना कोई बहाँ सै इस पार हमरे धौंरे आ सकै।’