तुम आपस मै एक दूसरे के ऊपर दया और रैहम करौ, और जिस तरै सै परमेसर नै मसी की बजै सै तुम लोगौ की गलतिऔं कै माफ करो बैसेई तुम बी एक दूसरे की गलतिऔं कै माफ करौ।
ओ भईयौ और बहनौ, मैं तुमकै परभु ईसु मसी के नाम सै हुकम देवौ हौं कै जो बिसवासी लोग आलस करै हैं, और हमरी देई भई सिक्छा के हिसाब सै ना चलै हैं, उनसै दूर रौह।
हाँ, बौ बेमार तौ हो और बौ बी इतनो कै जैसे मरई जाऐ, मगर परमेसर नै बाके ऊपर दया करी, और ना सिरप बाके ऊपर बलकन मेरे ऊपर बी ताकि मैंकै दुख के ऊपर दुख ना मिलै।
सच्ची मै हम जब तक जा दुनिया के घर यानी सरीर मै रैहंगे, तौ बोज की बजै सै कैंखते रैहंगे, कैसेकै हम अपने जा सरीर कै छोड़नै के ताँई ना सोचै हैं। पर जामै सुरग के सरीर कै पैहरनो चाँहै हैं, जिस्सै जौ नास होनै बारो सरीर जिन्दगी मै बदल जाय।
और जब जौ नास होनै बारो सरीर, नास ना होनै बारे सरीर कै पैहर लेगो, और जौ मरनै बारो सरीर अमरता कै पैहर लेगो, तौ तबई पबित्तर सास्तर की जौ लिखी भई बात पूरी होगी कै, “मौत को नास भओ, और जीत मिल गई।”